आज के डिजीटल दौर मे ऑनलाइन होना वह अपने समाज के साथ अपने इतिहास वह अपनी संस्कृति को संयोजित कर के रकना इस दौर में बहुत अधिक जरुरी हो गया है | सैनी समाज का इतिहास बहुत गौरव शाली रहा है पर अधिक जानकारी ना होने वह सरकारी तंत्र की धीमी चाल से आज तक देश वह सभी ३६ बिरादरी के इतिहास को दुमिल कर दिया है |
कुछ लोग यह भी सोचते है की हमारे इतिहास को सरकार कैसे दुर्मिल कर सकती है | तो मैं बताना चाहूंगा उन सभी भाइयो को की आज के वक़त में सभी आपने इतिहास को बड़ा चढ़ा कर लिख़ रहे है और दूसरे के इतिहास को अपना बनाने में लगे है | इससे ही सरकार की कमजोरी और सुस्ती कहा है |
यादव , यदुवंशी यह कुछ शब्द है। जो जुड़े तोह सैनी समाज से है पर आज समाज की जानकारी वह एक जूठाता नहीं होने के कारण हम सभी अहीरो को ही यादव मन बैठे है।
कुछ इतिहासकार सूर सैनी जनपद से सैनी समाज की उत्पति के परमाण दे चुके है जो की आज यदुकुल की जननी रहा है और सैनी समाज का गौरव पर हमारी
एक जुटता नहीं होने के कारण हम आज दूरसे समाज को इसकी चादर ओढ़ा चुके है।
अब वक़त है एक होने का और अपने इतिहास , संस्कृति अपनी दारोहर को सहेजने का
सभी समाजवासी इस वेबसाइट वह फेसबुक पेज आदि पर अपनी उपस्तिति दर्ज करे वह अपने समाज के दूसरे भाइयो को भी इशा करने को प्रेरित करे टीम thesainisamaj समाज के इतिहास लेखन को लेकर ढ़ृड है।
हमारा अधिक अधिक सहयोग करे।
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